कर्मचारी कॉर्नर

आयुष जो की अंग्रेजी के अक्षर AYUSH जिसका फुलफार्म आयुर्वेद, योगा, यूनानी, सिद्धा एवं होम्‍योपैथी है यह विभाग इन सभी स्‍वास्‍थ्‍य प्रणालियों का संवर्धन एवं विकास तथा इन प्रणालियों के माध्‍यम से आमजन को स्‍वास्‍थ्‍य सेवायें प्रदान करना तथा  इनसे संबंधित चिकित्‍सा शिक्षा का संचालन, नियंत्रण का कार्य विभाग द्धारा किया जाता है। संबंधित चिकित्‍सा पद्धतियों के बारे में संक्षिप्‍त विवरण निम्‍नानुसार है -

आयुर्वेद - आयुर्वेद विश्‍व का प्राचीनतम चिकित्‍सा विज्ञान है, जो कि पूर्णरूप से प्राकृतिक सिद्धान्‍तों पर आधारित है। वस्‍तुत: आयुर्वेद केवल चिकित्‍सा विज्ञान ही नहीं अपितु स्‍वयं में पूर्ण जीवन शास्‍त्र है। प्रारंभ काल में प्राचीन ऋषियों द्धारा आयुर्वेद के ज्ञान का अनुसंधान किया गया जो कि आयुर्वेद ग्रन्‍थों के रूप में लगभग 5000 वर्ष पूर्व अस्तित्‍व में आया। आयुर्वेद के प्राचीनतम ग्रन्‍थों में चरक संहिता, सुश्रुत संहिता एवं अष्‍टांग हृदय प्रमुख हैं। आयुर्वेद का प्रमुख सिद्धांत त्रिदोष वात, पित्‍त, कफ पर आधारित है। जिसके अनुसार मीनों दोष जब शरीर में में सम अवस्‍था में रहतें हैं तब मनुष्‍य स्‍वस्‍थ्‍य रहता है तथा दोषों की विषम अवस्‍था होने पर रोग उत्‍पन्‍न होते हैं। इसके अतिरिक्‍त प्रकृति (Constitution/Temperament), नाडी विज्ञान, जडी-बूटि एवं रस-चिकित्‍सा, गर्भिणी परिचर्चा, पंचकर्म, क्षारसूत्र, जैसी विशिष्‍टतायें सम्मिलित हैं। आयुर्वेद के दो मुख्‍य उद्देश्‍य हैं -

परिचय

  •  कायचिकित्   (Internal Medicine)
  • शल्‍यतंत्र   (Surgery)
  • शालाक्‍य तंत्र  (E.N.T. & Ophthalmology)
  • कौमार भृत्‍य (बालरोग)  (Pediatrics)
  • अगदतंत्र  (Medical Jurisprudence & Toxicology)
  • जराचिकित्‍सा  (Geriatrics)
  • बाजीकरण  (Reproductive Medicine)
  • ग्रहचिकित्‍सा  (Psychiatry)


यह प्रदर्शित करता है कि चि‍कित्‍सा के क्षेत्र में सह विज्ञान कितना समुन्‍नत था। वर्तमान में 22 शाखाओं के साथ आयुर्वेद विधा जनस्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में अपना महत्‍वपूर्ण योगदान दे रहा है। आज जब नॉन-कम्‍यूनिकेबल डिसीज (एनसीडी) की घटनाये विश्‍व में बढ रही हैं जो कि चिकित्‍सा विज्ञान के लिए चुनौती साबित हो रही हैं। ऐसी स्थिति में आयुर्वेद आधारित जीवनचर्या एवं चिकित्‍सीय व्‍यवस्‍था विशेष तौर पर हानि रहित चिकित्‍सा, आहार एवं विहार की उपयोगिता है। पंचकर्म चिकित्‍सा,   आहार एवं विहार की उपयोगिता है। पंचकर्म चिकित्‍सा जिसके अंतर्गत शरीरगत उत्‍पन्‍न विकार को बाहार निकालने की क्षमता प्रमाणित हो चुकी है, एक लोकप्रिय विधा के रूप में समाज द्धारा स्‍वीकृत की गयी है। साथ ही वृद्धावस्‍था जनित रोग, असंचारी रोगरोग जैसे - मधुमेह, उच्‍च रक्‍तचाप, संधिवात, अर्श, सक्‍ताल्‍पता आदि की चिकित्‍सा हेतु आयुर्वेद की प्रभावकारिता हा ही यह परिणाम है कि जनसामान्‍य अपेक्षाकृत सस्‍ती, प्राकृतिक एवं हानिरहित आयुर्वेद चिकित्‍सा की ओर अग्रसर हो रहा है।

होम्‍योपैथी - होम्‍योपैथी चिकित्‍सा पद्धति का प्रादुर्भाव जर्मनी निवासी डॉ सैम्‍युल फ्रेडरिक हैनीमन द्धारा किया गया। होम्‍योपैथी चिकित्‍सा विधा प्राय: सभी व्‍याधियों में अत्‍यंत प्रभावकारी होने के साथ ही इनके कोई विपरीत प्रभाव भी नहीं होते हैं। होम्‍योपैथी चिकित्‍सा पद्धति से विभिन्‍न रोगो का बहुत ही कम खर्च पर उपचार किया जा सकता है।

होम्‍योपैथी रोग प्रतिरोधक औषधियों का विभिन्‍न रोगों में व्‍यापक स्‍तर पर उपयोग किया जाता है एवं यह औषधियॉ कई संक्रामक रोगों में कारगर सिद्ध होती हैं। यह नैनो टेक्‍नोलॉजी पर आधारित चिकित्‍सा पद्धति है, जो आज विश्‍व की पीडित मानवता की सेवा में अग्रसर है। 

  • आयुष पद्धति से संबंधित विषयों पर कार्यवाही करना |
  • मानव संसाधन से संबंधित विषय जैसे की नियुक्ति ,पद-स्थापना इत्यादि की कार्यवाही |
  • आयुष दवाओं तथा दवा मानकों से संबंधित कार्यवाही |
  • आयुष शिक्षण संस्थानों में भर्तियों को विनियमित करना |
  • राज्य की योजनाओ को लागू करना - आयुष सेवाएं प्रदान करना ,आयुष स्वास्थ्य सेवा , शासकीय आयुष शिक्षण संस्थानों को नियंत्रित करना|
  • केंद्र प्रवर्तित योजनाओ को लागू करना -राष्ट्रीय आयुष मिशन | 
    • किफायती आयुष सेवाओं के द्वारा स्वास्थ्य सेवा का दायरा बढ़ाना ,आयुष अस्पतालों  तथा औषधालयों के उन्नयन द्वारा आयुष की विशेषताओं पर केंद्रित करते हुए |
    • जन स्वास्थ्य केंद्र ,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और ज़िला अस्पतालों में आयुष सुविधाओं को सह-स्थापित करना |
    • ५० बिस्तरों के इंटीग्रेटेड आयुष अस्पतालों की स्थापना |
    • समग्र स्वास्थ्य सेवा हेतु आयुष पद्धतियों को बढ़ावा देना | 
    • आयुष को स्वास्थ्य सेवा के प्रत्येक स्तर पर स्थापित करना |
    • आयुष के द्वारा  निवारक और उपचारात्मक स्वास्थ्य सेवा पर केंद्रित करना |

आयुष विभाग की वेबसाइट वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम (W3C) वेब कंटेंट एक्सेसिबिलिटी गाइडलाइंस (WCAG) 2.0 लेवल AA का अनुपालन करती है, यह दृष्टिबाधित लोगों को सहायक का उपयोग करके वेबसाइट तक पहुंचने में सक्षम बनाएगी। स्क्रीन रीडर जैसी प्रौद्योगिकियां। नीचे दी गई तालिका में विभिन्न स्क्रीन रीडर्स के बारे में जानकारी दी गई है।


विभिन्न स्क्रीन पाठकों से संबंधित जानकारी:

स्क्रीन रीडर का नाम वेबसाइट निःशुल्क/व्यावसायिक
नॉन विज़ुअल डेस्कटॉप एक्सेस (NVDA) http://www.nvda-project.org फ्री
सिस्टम एक्सेस टू गो https://www.satogo.com फ्री
थंडर http://www.screenreader.net फ्री
वेब एनी वेयर http://www.webanywhere.com/ फ्री
हल http://www.yourdolphin.co.uk/productdetail.asp?id=5 कमर्सिअल
जोस http://www.freedomscientific.com/jaws-hq.asp कमर्सिअल
सुपरनोवा http://www.yourdolphin.co.uk/productdetail.asp?id=1 कमर्सिअल
विंडो-आईज http://www.gwmicro.com/Window-Eyes/ कमर्सिअल